वो रात मे डरनाडर के सहमनाडर के माँ के आँचल से लिपटनाबहनों से लड़ना,कि माँ के पास मैं सोऊँगा!अक्सर इसमे सफलता पानाकभी-कभार बहनें जीत और ;मैं हार जाता था।किन्तु रात मे देर तक जगनाअवसर को तलाशनाजगह बदल माँ मे सिमटना।वो रात की बात आज भी याद कर पाता हूँ ।। वो लोरी का श्रवण पान […]Read More
Kumar Adarsh
March 4, 2022
उलझाने की चाहत हूं मैं,उलझने से राहत रखता हूं!यह सामने वाला कितना बोलता है;मैं चुप कैसे रह सकता हूं ?क्या जाने कब क्या होगा?आज बोल ही लेता हूं। भाग्य से श्रोता मिला है,अवसर का लाभ उठाना है,पता ना अब कब मिलेगा?आज ही वर्तमान से भविष्य की यात्रा तय कर लेना है! चिंता है कल की, […]Read More